UPSC सिविल सेवा मुख्य परीक्षा : GS प्रश्न पत्र 4 की रणनीति- विदित हो की सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा में सफल रहने वाला छात्र परीक्षा के दूसरे चरण ‘मुख्य परीक्षा’ के लिए अपनी जगह बनाएंगे। प्रारंभिक परीक्षा में सफल होने वाले उम्मीदवारों को सामान्यतः अक्तूबर से नवंबर माह के दौरान IAS मुख्य परीक्षा देने के लिये आमंत्रित किया जाएगा।
यह ध्यान रखने वाली बात है की जहाँ प्रारंभिक परीक्षा पूरी तरह वस्तुनिष्ठ (MCQ) होती है, वहीं मुख्य परीक्षा वर्णनात्मक (Descriptive) होती है और उसमें अलग-अलग शब्द सीमा वाले प्रश्न पूछे जाते हैं। यही कारण है कि मुख्य परीक्षा में सफल होने के लिये अच्छी लेखन शैली को भी एक महत्त्वपूर्ण योग्यता माना जाता है। प्रारंभिक परीक्षा की प्रकृति जहाँ क्वालिफाइंग होती है, वहीं मुख्य परीक्षा में प्राप्त अंकों को अंतिम मेधा सूची में जोड़ा जाता है। अत: परीक्षा का यह चरण अत्यंत महत्त्वपूर्ण एवं काफी हद तक निर्णायक होता है।
UPSC सिविल सेवा मुख्य परीक्षा पैटर्न
ध्यातव्य है कि सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में विषयों का बँटवारा अनिवार्य एवं वैकल्पिक विषय के रूप में किया गया है।अनिवार्य विषयों में निबंध, सामान्य अध्ययन के चार प्रश्नपत्र, अंग्रेजी भाषा (क्वालिफाइंग) एवं हिंदी या संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल कोई भाषा (क्वालिफाइंग) तथा वैकल्पिक विषय के अंतर्गत अभ्यर्थी द्वारा चयनित कोई एक वैकल्पिक विषय शामिल है।
2012 तक यह परीक्षा कुल 2000 अंकों की होती थी परन्तु 2013 से यह संरचना व्यापक रूप से बदल गई है। अब मुख्य परीक्षा कुल 1750 अंकों की है जिसमें 1000 अंक सामान्य अध्ययन के लिये (250-250 अंकों के 4 प्रश्नपत्र), 500 अंक एक वैकल्पिक विषय के लिये (250-250 अंकों के 2 प्रश्नपत्र) तथा 250 अंक निबंध के लिये निर्धारित हैं।
नवीन संशोधन के पश्चात् सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के विभिन्न प्रश्नपत्र तथा उनके भारांक इस प्रकार हैं-
सिविल सेवा मुख्य परीक्षा पैटर्न 2018 |
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क्रम संख्या | प्रश्न पत्र | प्रश्न पत्र का नाम | अंक | प्रकृति |
परीक्षा समयावधि |
1 | प्रश्न पत्र A | अनिवार्य हिंदी या संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल कोई भाषा | 300 | क्वालीफाइंग प्रकृति | 3 घंटे |
2 | प्रश्न पत्र B | अंग्रेजी भाषा | 300 | 3 घंटे | |
3 | प्रश्न पत्र -1 | निबंध | 250 | अंतिम मेधा सूचि रैंकिंग प्रकृति | 3 घंटे |
4 | प्रश्न पत्र -2 | सामान्य अध्ययन-1
(भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व का इतिहास एवं भूगोल तथा समाज) |
250 | 3 घंटे | |
5 | प्रश्न पत्र -3 | सामान्य अध्ययन-2
(शासन व्यवस्था, संविधान, राजव्यवस्था सामाजिक न्याय तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंध) |
250 | 3 घंटे | |
6 | प्रश्न पत्र -4 | सामान्य अध्ययन-3
(प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा तथा आपदा प्रबंधन) |
250 | 3 घंटे | |
7 | प्रश्न पत्र -5 | सामान्य अध्ययन-4
(नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और अभिवृत्ति) |
250 | 3 घंटे | |
8 | प्रश्न पत्र -6 | वैकल्पिक विषय-1 | 250 | 3 घंटे | |
9 | प्रश्न पत्र -7 | वैकल्पिक विषय-2 | 250 | 3 घंटे | |
सम्पूर्ण | 1750 | ||||
नोट: मुख्य परीक्षा के मेरिट का निर्धारण सामान्य अध्ययन के चारों प्रश्न-पत्र (1000 अंक), वैकल्पिक विषय के दोनों प्रश्न-पत्र (500 अंक) एवं निबंध (250 अंक) के पत्र में प्राप्त अंको के आधार किया जाता है। अतः इसमें अनिवार्य विषय के प्रश्न-पत्र के (600 अंक) अंक नहीं जोड़े जाते। |
UPSC सिविल सेवा मुख्य परीक्षा GS प्रश्न पत्र-4 का पाठ्यक्रम
UPSC सिविल सेवा (मुख्य) परीक्षा के GS प्रश्न पत्र-4 में नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और अभिरुचि को सम्मिलित किया है। परीक्षा के पाठ्यक्रम के अनुसार GS प्रश्न पत्र-4 को 8 अनुभाग में विभक्त किया गया है। जिनका विवरण निम्न है-
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-4 |
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इस प्रश्न-पत्र में ऐसे प्रश्न शामिल होंगे जो सार्वजनिक जीवन में उम्मीदवारों की सत्यनिष्ठा, ईमानदारी से संबंधित विषयों के प्रति उनकी अभिवृत्ति तथा उनके दृष्टिकोण तथा समाज से आचार-व्यवहार में विभिन्न मुद्दों तथा सामने आने वाली समस्याओं के समाधान को लेकर उनकी मनोवृत्ति का परीक्षण करेंगे। इन आयामों का निर्धारण करने के लिये प्रश्न-पत्र में किसी मामले के अध्ययन (केस स्टडी) का माध्यम भी चुना जा सकता है। मुख्य रूप से निम्नलिखित क्षेत्रों को कवर किया जाएगा। | |
क्र.सं. |
विषय |
1. | नीतिशास्त्र तथा मानवीय सह-संबंधः मानवीय क्रियाकलापों में नीतिशास्त्र का सार तत्त्व, इसके निर्धारक और परिणाम; नीतिशास्त्र के आयाम; निजी और सार्वजनिक संबंधों में नीतिशास्त्र, मानवीय मूल्य- महान नेताओं, सुधारकों और प्रशासकों के जीवन तथा उनके उपदेशों से शिक्षा; मूल्य विकसित करने में परिवार, समाज और शैक्षणिक संस्थाओं की भूमिका। |
2. | अभिवृत्तिः सारांश (कंटेन्ट), संरचना, वृत्ति; विचार तथा आचरण के परिप्रेक्ष्य में इसका प्रभाव एवं संबंध; नैतिक और राजनीतिक अभिरुचि; सामाजिक प्रभाव और धारण। |
3. | सिविल सेवा के लिये अभिरुचि तथा बुनियादी मूल्य- सत्यनिष्ठा, भेदभाव रहित तथा गैर-तरफदारी, निष्पक्षता, सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण भाव, कमज़ोर वर्गों के प्रति सहानुभूति, सहिष्णुता तथा संवेदना। |
4. | भावनात्मक समझः अवधारणाएँ तथा प्रशासन और शासन व्यवस्था में उनके उपयोग और प्रयोग। |
5. | भारत तथा विश्व के नैतिक विचारकों तथा दार्शनिकों के योगदान। |
6. | लोक प्रशासन में लोक/सिविल सेवा मूल्य तथा नीतिशास्त्रः स्थिति तथा समस्याएँ; सरकारी तथा निजी संस्थानों में नैतिक चिंताएँ तथा दुविधाएँ; नैतिक मार्गदर्शन के स्रोतों के रूप में विधि, नियम, विनियम तथा अंतरात्मा; उत्तरदायित्व तथा नैतिक शासन, शासन व्यवस्था में नीतिपरक तथा नैतिक मूल्यों का सुदृढ़ीकरण; अंतर्राष्ट्रीय संबंधों तथा निधि व्यवस्था (फंडिंग) में नैतिक मुद्दे; कॉरपोरेट शासन व्यवस्था। |
7. | शासन व्यवस्था में ईमानदारीः लोक सेवा की अवधारणा; शासन व्यवस्था और ईमानदारी का दार्शनिक आधार, सरकार में सूचना का आदान-प्रदान और पारदर्शिता, सूचना का अधिकार, नीतिपरक आचार संहिता, आचरण संहिता, नागरिक घोषणा पत्र, कार्य संस्कृति, सेवा प्रदान करने की गुणवत्ता, लोक निधि का उपयोग, भ्रष्टाचार की चुनौतियाँ। |
8. | उपर्युक्त विषयों पर मामला संबंधी अध्ययन (केस स्टडीज़)। |
पठनीय पुस्तक
- एनसीईआरटी – मनोविज्ञान (क्लास-11-12)
- इग्नू – मनोविज्ञान (स्नातक स्तर)
- नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और अभिरुचि-जी. सुब्बाराव
- ARC 4 रिपोर्ट : शासन में नैतिकता (डाउनलोड करने के लिए क्लिक करें!)
UPSC सिविल सेवा मुख्य परीक्षा 2018 : GS प्रश्न पत्र 4 की रणनीति
वर्ष 2013 से मुख्य परीक्षा के बदले हुए पाठ्यक्रम में सामान्य अध्ययन के चौथे प्रश्नपत्र के रूप में ‘नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और अभिरुचि’ को शामिल किया गया, जिसे प्रचलित रूप में ‘एथिक्स’ (Ethics) के नाम से भी जाना जाता है। यह प्रश्नपत्र अपनी मूल प्रवृत्ति में बहुत ही रचनात्मक और मौलिक है। पिछले दो वर्षों के एथिक्स के प्रश्नपत्र को उठाकर देखें तो पाएंगे कि इस प्रश्नपत्र में ऐसा कुछ भी नहीं पूछा जाता है जिसके लिये उम्मीदवार को बहुत रटने की आवश्यकता हो, या कि प्रश्न इतने कठिन हों कि उम्मीदवार की समझ के बाहर हों।
ईमानदारी, नैतिकता, सत्यनिष्ठा और संवेदना जैसे गुण कहीं से आयातित नहीं किये जा सकते और न ही कोई आपको जबरदस्ती ये गुण सिखा सकता है। ये गुण स्वतः स्फूर्त और स्वप्रेरणा से ही आते हैं। एक सिविल सेवक के रूप में ऐसे गुणों की अपेक्षा और अधिक बढ़ जाती है, और इस प्रश्नपत्र का प्रमुख उद्देश्य भी आप में ऐसे ही गुणों की जाँच करना है।
अब सवाल यह उठता है कि प्रारंभिक परीक्षा के बाद बचे हुए दिनों में इस प्रश्नपत्र की तैयारी के लिये क्या रणनीति अपनाई जाए कौन-कौन सी किताबें पढ़ी जाएँ?
सामान्य तौर पर एथिक्स के प्रश्नपत्र में अब तक दो खंडों में प्रश्न पूछे गए हैं। खंड ‘क’ में ‘नैतिकता’, ‘सत्यनिष्ठा’, ‘ईमानदारी’, ‘लोक प्रशासन में पारदर्शिता’ ‘सिविल सेवकों की जवाबदेही’, ‘महापुरुषों के नैतिक विचार व उनके जीवन आदर्श’, ‘भावनात्मक समझ’, ‘शासन व्यवस्था में ईमानदारी’ जैसे मुद्दे जिनकी सामान्य समझ एक सिविल सेवक से अपेक्षित है, से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। इस खंड में आमतौर पर 13 से 15 प्रश्न पूछे जाते हैं जिनकी शब्द सीमा अधिकतम 150 शब्द होती है। वहीं दूसरा खंड ‘ख’ केस स्टडीज़ का होता है जिसमें द्वंद्व से जुड़ी सामाजिक समस्याओं से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं और आपसे उनके युक्तियुक्त समाधान की अपेक्षा की जाती है।
एक सिविल सेवक के रूप में आपको कदम-कदम पर ऐसी चुनौतियों, द्वंद्वों का सामना करना है जहाँ एक तरफ आपका कोई बहुत नज़दीकी है और दूसरी तरफ कोई बहुत ज़रूरतमंद आम जन, और आपको किसी एक के हित में निर्णय लेना है। यानी एक तरफ आपका कर्त्तव्य और दूसरी तरफ आपके निजी संबंध। ऐसे में आप क्या निर्णय लेते हैं, परीक्षक इसका मूल्यांकन करता है। इन प्रश्नों में कई बार आपको समस्या समाधान के विकल्प दिये जाते हैं तो कई बार केवल समस्या दी जाती है, न कि उसके विकल्प। सामान्य तौर पर इनकी सीमा 250 शब्दों की होती है।
‘एथिक्स’ के प्रश्नपत्र में ऐसी कोई किताब नहीं है जिसे पढ़कर आप इस विषय में माहिर हो जाएँ। ‘एथिक्स’ का पाठ्यक्रम बहुत व्यापक है और आपसे इस बात की मांग करता है कि दैनिक जीवन की सामान्य घटनाओं पर नज़र बनाए रखें। एक सिविल सेवक के रूप में उनके समाधान ढूँढ़ने की कोशिश करें।
इसके लिये विश्व व भारत के प्रसिद्ध नैतिक विचारकों और दार्शनिक चिंतकों के विचारों को पढ़ने की कोशिश करें। ज़्यादातर प्रश्न आपकी सामान्य समझ पर ही आधारित होते हैं। पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों व मॉडल प्रश्नपत्रों का नियत समय में अधिक से अधिक अभ्यास करें।
केस स्टडीज़ में ऐसे समाधान बिल्कुल न बताएँ जो एक सिविल सेवक के ईमानदार आचरण के विरुद्ध हों, किसी भी रूप में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हों, संविधान व कानून का विरोध करते हों, निजी स्वार्थों को आम जन के हितों से ऊपर रखते हों। आपको अपना ‘एटीट्यूड’ (Attitude) व ‘एप्टीट्यूड’ (Aptitude) दोनों नैतिक, संवेदनायुक्त और भ्रष्टाचार विरोधी रखने हैं, ताकि आम जन आपकी उपस्थिति में आश्वस्त व सुरक्षित महसूस करें व अपराधी डरें। आपको अपने जवाब में भी इसी तरह के विचार प्रस्तुत करने हैं।
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Very good app for civil services preparation..Dr.M.V.
Maheep