इसरो का सफरनामा – भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation- इसरो) भारत का राष्ट्रीय अंतरिक्ष संस्थान है जिसका मुख्यालय कर्नाटक प्रान्त की राजधानी बंगलुरु में है। इसकी स्थापना 1969 में की गई। ‘इसरो’ को अंतरिक्ष विभाग के नियंत्रण में रखा गया।
भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के इतिहास में 70 का दशक प्रयोगात्मक युग था जिस दौरान ‘आर्यभट्ट’, ‘भास्कर’, ‘रोहिणी’ तथा ‘एप्पल’ जैसे प्रयोगात्मक उपग्रह कार्यक्रम चलाए गए। इन कार्यक्रमों की सफलता के बाद 80 का दशक संचालनात्मक युग बना जबकि अब इसरो ने दो प्रमुख अंतरिक्ष प्रणालियाँ स्थापित की हैं-1. संचार, दूरदर्शन प्रसारण और मौसम विज्ञानीय सेवाओं के लिए ‘इन्सेट’ और संसाधन मॉनीटरन तथा प्रबंधन के लिए भारतीय सुदूर संवेदन उपग्रह (आईआरएस)।
इसरो का बैलगाड़ी से 100वें मिशन (कार्टोसैट-2) तक का सफरनामा
संपूर्ण आत्म निर्भता हासिल करने में, लागत प्रभावी एवं विश्वसनीय प्रमोचक प्रणालियां विकसित करना आवश्यक था जो ध्रुवीय उपग्रह प्रमोचक राकेट (पी.एस.एल.वी.) के रूप में उभरी। प्रतिष्ठित पी.एस.एल.वी. अपनी विश्वसनीयता एवं लागत प्रभावी होने के कारण विभिन्न देशों के उपग्रहों का सबसे प्रिय वाहक बन गया जिसने पहले कभी न हुए ऐसे अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा दिया। भू तुल्यकाली उपग्रह प्रमोचक राकेट (जी.एस.एल.वी.) को अधिक भारी और अधिक माँग वाले भू तुल्यकाली संचार उपग्रहों को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया। यह अब इतना परिपक्व हो गया है कि प्रक्षेपण की सेवाएं अन्य देशों को भी उपलब्ध कराता है।अन्तरिक्ष कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्यों में उपग्रहों, प्रमोचक यानों, परिज्ञापी राकेटों और भू-प्रणालियों का विकास शामिल है।
अन्तरिक्षयान
1. संचार उपग्रह
भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह (इन्सैट) प्रणाली, भूस्थिर कक्षा में स्थापित नौ प्रचलनात्मक संचार उपग्रहों सहित एशिया-पेसिफिक क्षेत्र में सबसे बडे घरेलू संचार उपग्रहों में से एक है। इन्सैट-1बी से शुरूआत करते हुए इसकी स्थापना 1983 में की गई। वर्तमान में प्रचलनात्मक संचार उपग्रह है इन्सैट-3ए, इन्सैट-3सी, इन्सैट-3ई, इन्सैट-4ए, इन्सैट-4सी.आर., जीसैट-8, जीसैट-10 तथा जीसैट-12।
सी, विस्तारित सी. तथा के.यू. बैण्डों में कुल 195 प्रेषानुकरों सहित यह प्रणाली दूर संचार, दूरदर्शन, प्रसारण, उपग्रह समाचार संग्रहरण, सामाजिक अनुप्रयोग, मौसम पूर्वानुमान, आपदा चेतावनी तथा खोज और बचाव कार्यों में सेवाएं प्रदान कर रही हैं।
2. भू प्रेक्षण उपग्रह
वर्ष 1988 के आई.आर.एस.-1ए से शुरूआत करते हुए इसरो ने कई प्रचलनात्मक सुदूर संवेदन उपग्रहों का प्रमोचन किया है। वर्तमान में, ग्यारह प्रचालनरत उपग्रह कक्षा में हैं रिसोर्ससैट-1 और 2, कार्टोसैट-1 और 2, 2ए, 2बी, रीसैट-1 और 2, ओशनसैट-2, मेघा-ट्रापिक्स तथा सरल। इन उपग्रहों से प्राप्त आँकड़े का प्रयोग विभिन्न अनुप्रयोगों जैसे कृषि, जल संसाधन, शहरी योजना, ग्रामीण विकास, खनिज संभावना, पर्यावरण, वानिकी, समुद्री संसाधन तथा आपदा प्रबंधन में किया जाता है।
3. उपग्रह नौवहन
उपग्रह नौवहन सेवा वाणिज्यिक एवं सामरिक अनुप्रयोगों की प्रणाली पर आधारित उभरती हुई उपग्रह प्रणाली है। नागरिक उड्डयन की आवश्यकताएँ पूरी करने हेतु इसरो जी.पी.एस. समर्थित भू संवर्धित नौवहन (गगन) प्रणाली की स्थापना करने के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (ए.ए.आई.) के साथ संयुक्त रूप से कार्य कर रहा है।
(क) जी.पी.एस. समर्थित भू संवर्धित नौवहन (गगन): नागरिक उड्डयन अनुप्रयोगों हेतु आवश्यक परिशुद्धता एवं विश्वसनीयता के साथ उपग्रह आधारित नौवहन सेवाएं मुहैया कराना एवं भारतीय वायु अंतरिक्ष में बेहतर वायु यातायात प्रबंधन मुहैया कराना, गगन के मुख्य उद्देश्य हैं। गगन सिग्नल-इन-स्पेश (एस.आई.एस.) जीसैट-8 एवं जीसैट-10 के जरिए उपलब्ध है।
(ख) भारतीय प्रादेशिक नौवहन उपग्रह प्रणाली (आई.आर.एन.एस.एस.): नाविक- यह क्रांतिक राष्ट्रीय अनुप्रयोगों हेतु स्वतंत्र भारतीय उपग्रह आधारित स्थिति निर्धारण प्रणाली है। इसका मुख्य उद्देश्य है, भारत एवं इसके पड़ोसी देशों में विश्वसनीय अवस्थिति, नौवहन एवं कालन सेवाएं मुहैया कराना तथ प्रयोक्ता हेतु उत्तम ढंग से परिशुद्धता प्रदान करना। यह मुख्य रूप से दो प्रकार की सेवाएं मुहैया कराएगा:
1. मानक अवस्थिती सेवा (एस.पी.एस.)
2. प्रतिबंधित सेवा (आर.एस.)
अंतरिक्ष खण्ड में सात उपग्रह शामिल हैं, जिसके तीन उपग्रह भू स्थैतिक कक्षा (जी.ई.ओ.) और चार उपग्रह भूमध्यरेखा के समतल से 290 के झुकाव पर भू तुल्यकाली कक्षा (जी.एस.ओ.) में स्थित हैं। नाविक के सभी सात उपग्रह, आई.आर.एन.एस.एस.-1ए, 1बी, 1सी, 1डी, 1ई, 1एफ एवं 1जी क्रमश: 02 जुलाई, 2013, 04 अप्रैल, 2014, 16 अक्तूबर, 2014, 28 मार्च, 2015, 20 जनवरी, 2016, 10 मार्च, 2015 एवं 28 अप्रैल, 2016 को सफलतापूर्वक प्रमोचित किए गए थे और अपनी निर्धारित कक्षीय स्थितियों से संतोषजनक कार्य कर रहे हैं।
4. अंतरिक्ष विज्ञान एवं अन्वेषण
भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम में खगोल विज्ञान, ताराभौतिकी, ग्रहीय विज्ञान एवं भू विज्ञान, वायुमंडलीय विज्ञान एवं सैद्धांतिक भौतिक विज्ञान जैसे क्षेत्रों के अनुसंधान शामिल हैं।
एस्ट्रोसैट : एस्ट्रोयसैट प्रथम समर्थित भारतीय खगोलीय मिशन है। जिसका लक्ष्यक एक्सम–किरण, प्रकाशिक एवं यू.वी. स्पेरक्ट्रनम बैण्डों में एक साथ खगोलीय स्रोतों का अध्ययन करना है।
मंगल कक्षीय मिशन :मंगल कक्षीय मिशन 80,000 कि.मी. तक 372 कि.मी. की दीर्घवृत्ती य कक्षा में मंगल ग्रह की परिकर्मी करने हेतु डिजाइन किए गए कक्षीय यान के साथ मंगल ग्रह के लिए प्रथम अंतरग्रहीय मिशन है। मंगल कक्षीय मिशन को क्रांतिक मिशन प्रचालनों एवं अंतरिक्षयान की नोदन संचार एवं अन्य बस प्रणालियों पर महत्त्वपूर्ण आवश्यतकताओं को ध्यान में रखते हुए चुनौतीपूर्ण प्रौद्योगिकी मिशन एवं विज्ञान मिशन कहा जा सकता है।
चंद्रयान-1 :चंद्रमा के लिए भारत का प्रथम मिशन, चंद्रयान-1 एस.डी.एस.सी. शार, श्रीहरिकोटा से 22 अक्तूमबर, 2008 को सफलतापूर्वक प्रमोचित किया गया था। अंतरिक्षयान चंद्रमा की रसायनिक, खनिज विज्ञानीय एवं प्रकाश-भूविज्ञानीय मानचित्रण हेतु चंद्रमा की सतह से 100 कि.मी. की ऊंचाई पर चंद्रमा के चारों ओर परिक्रमा कर रहा था। अंतरिक्षयान ने भारत, यू.एस.ए., जर्मनी, स्वी्डेन एवं बुल्गायरिया में निर्मित 11 वैज्ञानिक उपकरणों का वहन किया।
चंद्रयान-2 : चंद्रयान-2 चंद्रमा के लिए पूर्व चंद्रयान-1 मिशन का उन्नलत वर्शन होगा। चंद्रयान-2 को द्वि-माड्यूल प्रणाली के रूप में संरूपित किया गया है जिसमें इसरो द्वारा विकसित रोवर का वहन करने वाले कक्षीय यान माड्यूल (आर.सी.) शामिल है।
इसरो से सम्बंधित कुछ महत्त्वपूर्ण जानकारी
पीएसएलवी-सी 37
क्या आप अंतरिक्ष सम्बन्धी निम्न प्रश्नों के उत्तर जानते हैं? अपना ज्ञान जाँचिये-
2.चन्द्रमा पर चरण रखने वाले प्रथम व्यक्ति कौन हैं? – नील ए. आर्मस्ट्रांग
3.अन्तरिक्ष में जाने वाली प्रथम महिला कौन हैं? – वेलेन्टीना तेरेश्कोवा ( रूस )
4.अन्तरिक्ष में जाने वाले प्रथम भारतीय कौन हैं? – राकेश शर्मा
5.अन्तरिक्ष में जाने वाली प्रथम भारतीय मूल की महिला कौन हैं?— कल्पना चावला
6. पीएसएलवी-सी 37 के द्वारा कितने उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण किया गया था?
7. अन्तरिक्ष में सर्वाधिक दिन प्रवास, चहलकदमी व अन्तरिक्ष प्रवास के दौरान मैराथन दौड़ में भाग लेने वाली प्रथम महिला कौन है?—सुनीता विलियम्स ( भारतीय मूल की अमरीकी )
8. पहली बार अन्तरिक्ष में जाने वालाजानवर?— लाइका नाम की कुतिया
9. विश्व के प्रथम अंतरिक्ष पर्यटक?— डेनिस टीटो
10. प्रथम भारतीय उपग्रह का नाम क्याहैं?— आर्यभटट
11. क्रोयोजेनिक इंजन का प्रयोग कहाँ किया जाता है?— स्पेस शटल में
12. अमरीका के प्रथम स्पेस शटल का नाम बताएं ?— कोलमिबया
13. भारत का पहला मौसम उपग्रह कौनसा है?— मैटसैट ( कल्पना –I )
14. चन्द्रमा की धरती पर भारत का पहला अन्तरिक्ष यान चन्द्रयान-1 का प्रक्षेपण किस तिथि को सफलतापूर्वककिया गया?— 22 अक्टूबर, 2008
15. आन्ध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा स्थित श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर का नया नाम क्या है?— प्रो. सतीश धवन स्पेश सेंटर
16. भारत में अन्तरिक्ष अनुसंधान की शुरूआत का श्रेय किसे जाता है?— विक्रम साराभाई को
17. भारत की प्रथम महिला अन्तरिक्ष वैज्ञानिक का नाम बताएं?— सविता रानी
18. इसरो (ISRO) का पूरा नाम क्या है?—भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन
19. इनसेट ( INSAT) का पूरा नाम क्या है?— भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह प्रणाली
20. प्रथम उपग्रह आर्यभटट का प्रक्षेपण कब किया गया था?— 19 अप्रैल, 1975 की
21. भारत का प्रथम संचार उपग्रह कौन-सा था?— एप्पल
22. इनसेट श्रृंखला का पहला उपग्रह कौनसा था?— इनसेट -1A
23. भारत का प्रथम दूरसंवेदी उपग्रह कौन सा था?— SROSS–A
24. भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन ( इसरो ) का उद्देश्य क्या है?— अन्तरिक्ष विज्ञान, अन्तरिक्ष प्रौधोगिकी और अन्तरिक्ष अनुप्रयोग में राष्ट्र की बढ़ती हुई गतिविधियों की योजना बनाना, उन्हें व्यवस्थित करना और उन्हें कार्यानिवत करना
25. भारत सरकार द्वारा अन्तरिक्ष आयोग की स्थापना कब की गई?— 1972
26. अन्तरिक्ष आयोग का मुख्यालय कहां है?— बंगलुरु
27. भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन किस के अधीन उसके अनुसंधान औरविकास संगठन के रूप में कार्य करता है?— अन्तरिक्ष विभाग
28. भारत का पहला रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट कहां से छोड़ा गया था?— बैकानूर
29. भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान समिति का गठन कब किया गया था?— 1962
30. विश्व में उपग्रह छोड़ने की क्षमता रखने वाले देशों की संख्या कितनी हैं?— 7
31. वह प्रथम मानव रहित बग्गी जिसे चंद्रतल पर चलने का गौरव प्राप्त हैं?— लूनाखोद –1 ( रूस )
32. अन्तरिक्ष में जाने वाली प्रथम अमेरिकी महिला कौन हैं?— सैली राइड ( 1983 में )
33. चंद्रतल पर मनुष्य को उतारने वाला प्रथम देश कौन सा हैं?— अमेरिका
34. अन्तरिक्ष में तैरने वाले प्रथम व्यक्ति कौन थे?— अलेक्सी लियोनोव ( रूस, 1965 )
35. अन्तरिक्ष में विचरण करने वाले प्रथम व्यक्ति कौन थे?— एडवर्ड व्हाइट
36. राकेश शर्मा की अन्तरिक्ष यात्रा के साथ ही भारत अन्तरिक्ष में मानव भेजने वाला विश्व का कौन सा राष्ट्र बना?— 14 वां
37. अमेरिकी स्पेस शटल की पहली महिलाचालक कौन थी?— एलिन कोलिन्स
38. चंद्रमा के लिए यात्रा करने वालाप्रथम अन्तरिक्ष यान कौन सा है?— अपोलो-8
39. अन्तरिक्ष में जाने वाले प्रथम एशियाई कौन हैं?— फाम तुआन ( वियतनाम, 1980 )
40. सर्वाधिक सात बार अन्तरिक्ष यात्रा करने वाले प्रथम व्यक्ति कौन हैं?— जेरी रौस ( अमेरिका, 2002 )
41. भारत के किस प्रधानमंत्री ने ‘जय विज्ञान’ का नारा दिया था?— श्री अटल बिहारी वाजपेयी
42. राकेट से अन्तरिक्ष में गया पहलाजानवर कौन सा हैं?— अलबर्ट नामक बंदर
43. प्रथम भारतीय उपग्रह ‘आर्यभटट’ को अन्तरिक्ष में कब स्थापित किया गया?— 19 अप्रैल, 1975 को
44. प्रथम स्वदेश निर्मित उपग्रह इन्सेट-2ए किस तिथि को अन्तरिक्ष में स्थापित किया गया?— 10 जुलाई 1992 को
45. भारत का प्रथम उपग्रह कहां से प्रक्षेपित किया गया था?— रूस के कोस्मोड्रोम से
46. भारत का प्रथम संचार उपग्रह केंद्र कहां स्थापित किया गया?— महाराष्ट्र के आवी में
47. प्रथम वाणिजियक संचार उपग्रह का नाम बतांए?— अली बर्ड
48. भारत के पहले दूर संवेदी उपग्रह का नाम बताएं?— आई.आर.एस. – 1ए
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Agar ham Padhe hye qustion fir se dekhna chahe to uske liye keya karna padega
उस पोस्ट का लिंक संरक्षित कर लें
Sir mai sarkari job kerna chahta hu but meri English aur math dono bahut hi jada weak hai iske liye hame kya kerna chahiye aur kis leval se padhai ki starting kerna chahiye please sir hame iske bare me rasta btaaye pleas sir help me
सबसे पहले आप इंग्लिश और मैथ के बेसिक फंडे क्लियर करें फिर उसपर आधारित प्रश्नों का अभ्यास करें और हुई गलतियों को समझने की कोशिश करें. इस तरफ आप आगे बढ़ें. आशा है आप शीघ्र ही टेस्ट पेपर भी हल करने लगेंगे. लेकिन परिश्रम के इतर अन्य कोई विकल्प नहीं है.
But sir humko math aur English padhne k liye kis leval ki book se pahle start kerna chahiye
Aur ager sir mai sarkari job k layak nahi hu to mujhe ye btaiye ki mai kis chhetra me apna carrier dekhu
अगर आप को सरकारी जॉब की तैयारी करने में असुविधा हो रही है तो आप अन्य किसी क्षेत्र में अपना रोजगार तलाश सकते हैं
Sir aisa nahi hai ki mai padhai nahi ker raha hu, mai padhai ket raha hu daily 8 se 10 ghante padhai ker raha hu aur subjects taiyar bhi ho rahe hai but sir mai math k liye kaise kru jo taiyar ho jaye mujhe ye btaiye sir please
हम चाहते है कि पुराने प्रशन फिर से हमे मिले
सर मुझे,dec. jan के सारे पुराने प्रशन चाहिए। आप से कैसे मिलेगा