रेलवे भर्ती परीक्षा 2018 : रीजनिंग/जनरल इंटेलीजेंस की तैयारी कैसे करें- भारतीय रेलवे ने हाल ही में बम्पर वेकेंसी निकाली हैं। लगभग 90 हजार विभिन्न पदों पर भर्ती होनी है। लोगों ने बड़ी तादाद में इन पदों के लिए आवेदन किए हैं और हाल में दी गई छूटों के कारण रिक्तियों के लिए काफी अधिक तादाद में आवेदन आने की सम्भावना है।
विदित हो की इस भर्ती प्रक्रिया का आयोजन 4 वर्षों के पश्चात हो रहा है और आगे यह भर्ती आएगी यह कह सकना मुश्किल है। ऐसे में आवेदन करने वाले सभी छात्रों की कोशिश इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करने की होनी चाहिए। पर सफलता उसी को मिलेगी जो कठोर परिश्रम के द्वारा अध्ययन कर प्रश्नपत्र को सटीक तरीके से हल करने में सक्षम होगा। इसी तथ्य को स्मरण रखते हुए आज हम रेलवे परीक्षा के लिए रीजनिंग/जनरल इंटेलीजेंस की तैयारी कैसे की जाए पर आपका ध्यान आकृष्ट करेंगे।
रेलवे भर्ती परीक्षा 2018 : रीजनिंग/जनरल इंटेलीजेंस की तैयारी कैसे करें ?
अभ्यर्थी के मन में परीक्षा की तैयारी को लेकर कई सवाल सहज रूप में उठते ही होंगे। आइये उन प्रश्नों को जानते हैं जो आमतौर पर हर उम्मीदवार के मन में उठते हैं-
- रेलवे परीक्षा के लिए रीजनिंग/जनरल इंटेलीजेंस सेक्शन की तैयारी कैसे करें?
- क्या मैं रेलवे परीक्षा के लिए रीजनिंग/जनरल इंटेलीजेंस सेक्शन की सब्जेक्ट-वाइज़ तैयारी कर सकता हूं?
- रीजनिंग/जनरल इंटेलीजेंस सेक्शन में कौन-सा टॉपिक सबसे सरल है?
- मुझे रीजनिंग/जनरल इंटेलीजेंस सेक्शन को कितना अपना समय समर्पित करना चाहिए?
अगर आप प्रश्न को समझने में सक्षम होंगे तो रीज़निंग एबिलिटी के प्रश्नों को हल करना रोमांचक होता है। आइये अब हम आपको रीज़निंग एबिलिटी के महत्वपूर्ण टॉपिक्स के बारे में बताते हैं।
रेलवे परीक्षा के लिए रीज़निंग एबिलिटी के महत्वपूर्ण टॉपिक्स:
प्रत्येक अभ्यर्थी को वास्तविक परीक्षा में एक प्रश्न हल करने के लिए लगभग 35-40 सेकंड का समय लेना चाहिए, जिससे सभी सेक्शन्स के प्रश्नों को निश्चित समय में हल किया जा सके। अगर अभ्यर्थी ने रीज़निंग एबिलिटी सेक्शन को अच्छी तरह से तैयार/अभ्यास किया है तो वह निश्चित समय में ही इस अनुभाग को हल कर लेगा।
रेलवे परीक्षा के रीज़निंग एबिलिटी सेक्शन का कठिनाई स्तर रिक्त पदों की संख्या के कारण हाई होने की उम्मीद है। इसलिए, हम यहां रेलवे परीक्षा के रीज़निंग एबिलिटी सेक्शन के प्रत्येक टॉपिक से पूछे जाने वाले सवालों के बारे में बता रहे हैं।
महत्त्वपूर्ण टॉपिक्स
अनुरूपता, वर्णानुक्रमानुसार और संख्या श्रृंखला, कोडिंग और डिकोडिंग, गणितीय संक्रियाएं, संबंध (ब्लड रिलेशन), प्रतीकों द्वारा प्रस्तुति (सिलोगिजम), जंबलिंग, वेन आरेख, डाटा इंटरप्रिटेशन और दक्षता, निष्कर्ष और निर्णय लेना (डिसीजन मेकिंग), समानताएं और अंतर, विश्लेष्णात्मक तर्कशक्ति, वर्गीकरण, दिशाएं, कथन-तर्क और धारणाएं आदि।
लॉजिकल रीजनिंग
लॉजिकल रीजनिंग में प्रश्न फैक्ट, इन्फरेंस, जजमेंट, स्ट्रांग एंड वीक आर्गुमेन्ट, अप स्ट्रीम, डाउन स्ट्रीम और कंक्लूजन बेस्ड हो सकते हैं। लॉजिकल बेस्ड प्रश्नों को सॉल्व करने के लिए सिर्फ प्रश्नों में दी गयी जानकारी को ही आधार बनाना चाहिए। दिये गये सेंटेंस के स्ट्रक्चरल फॉर्मेट का प्रयोग करते हुए उत्तर देना चाहिए। लॉजिकल सेन्टेंस की वैलीडिटी या फैक्चुअल सिग्नीफिकेंस को इग्नोर करते हुए दी गयी कंडीशन के स्ट्रक्चरल फॉर्मेट का सदुपयोग ही आपको सही उत्तर निकालने में मदद करता है।
कथन-तर्क और धारणाएं
न्याय वाक्य में कथन दो प्रकार के होते है – सार्वभौम (Universal) और विशेष (Particular)। इन दोनो कथनों के भी दो प्रकार होते है-
धनात्मक (Positive)
ऋणात्मक (Negative)
न्याय वाक्यों को हल करते समय उम्मीदवार को निम्न नियमों (Law Of Syllogism) का स्मरण रखना चाहिए-
नियम 1
जब दो कथन धनात्मक हो, तो उन दोनों से निष्कर्ष निकालेगा वह भी धनात्मक होता है। अथार्त, धनात्मक(कथन) + धनात्मक(कथन) = धनात्मक(निष्कर्ष)
जब एक कथन धनात्मक व दूसरा कथन ऋणात्मक हो , तो उन दोनों से निष्कर्ष निकालेगा वह भी ऋणात्मक होता है। अथार्त, धनात्मक(कथन) + ऋणात्मक(कथन) = ऋणात्मक(निष्कर्ष)
जब दोनों कथन ऋणात्मक हो तो उन दोनों से निष्कर्ष निकलेगा ही नहीं। अथार्त, ऋणात्मक(कथन) + ऋणात्मक(कथन) = निष्कर्ष नहीं निकलेगा
नियम 2
सभी (कथन) ……………….. 100 50
कुछ (कथन) ……………….. 50 50
कोई नहीं (कथन) …………… 100 100
कुछ नहीं (कथन) …………… 50 100
नियम 3
जब दो कथनों से निष्कर्ष निकलेगे, तो एक अंश दोनों में कॉमन होना चाहिए तथा उस अंश में एक के पास 100 होने चाहिए।
रक्त सम्बन्ध
रक्त-संबंध परीक्षा में प्रतियोगियों से रिश्ते संबंधी ज्ञान की जाँच की जाती है। इसमें ऐसे प्रश्न दिये जाते हैं, जिनमें किन्हीं दो या दो से अधिक व्यक्तियों के संबंध दिये गये होते हैं तथा इन्हीं संबंधों के आधार पर किसी अन्य व्यक्ति के साथ संबंध ज्ञात करने होते हैं। इस प्रकार के प्रश्नों में आपकी सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि आपको रक्त संबंधी ज्ञान की कितनी अच्छी तरह से जानकारी है। रक्त सम्बन्ध पर आधारित प्रश्न हल करते समय आपको प्रश्न में दिए गए सम्बन्ध को अपने पारिवारिक संबंधों से सम्बंधित कर हल करना चाहिए।
इनपुट-आउटपुट
इनपुट-आउटपुट की समस्याओं में वर्णमाला व्यवस्था, मशीन व्यवस्था या संख्याओं की व्यवस्था के आधार पर प्रश्न पूछे जाते हैं। आपको यह कल्पना करनी होती है कि कोई कंप्यूटर अथवा वर्ड प्रेासेसिंग मशीन है जो दिये गये इनपुट पर कार्य करती है। यह मशीन शब्दों, अक्षरों अथवा दोनों के मिश्रित पैटर्न को प्रत्येक चरण में एक विशेष विधि से व्यवस्थित करती है और इस प्रकार हमें प्रत्येक चरण पर एक भिन्न आउटपुट प्राप्त होता है।
कोडिंग-डिकोडिंग
कोडिंग निर्देशों की एक पद्धति है जिसके तहत गुप्त रूप से बात की जाती है जैसे – एक व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को कुछ बोलता है तो दूसरा व्यक्ति इसे ग्रहण करता है और इसे सिर्फ कोडर और डिकोडर ही समझ पाते है। इसका कोई निश्चित नियम नहीं होता। इस प्रकार के प्रश्नों में एक code को decode किया रहता है। दिए गए दूसरे प्रश्न में भी इसी कोड का अनुशरण करते हुए उत्तर दिया जाना होता है। इसमें कुछ शब्द / अक्षर / अंक दिए रहते है जो अपनी वास्तविकता को प्रदर्शित नहीं करते बल्कि कुछ और प्रदर्शित करते है। ये कुछ विशेष नियम के अनुसार बने होते है। जिसे सॉल्व करने के लिए उस नियम का पता लगाकर उसी नियम से सॉल्व किया जाता है।
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अक्षर-संख्या अनुक्रम
अक्षर-संख्या अनुक्रम की प्रत्येक प्रश्न में एक श्रेणी दी जाती है जिसमें एक पद लुप्त है। दिये विकल्पों में से उस सही विकल्प का चयन श्रेणी के अनुक्रम के तहत ही करना होता है। सम्बंधित प्रश्न अक्षर अनुक्रम, संख्या अनुक्रम या मिश्रित अनुक्रम के तहत पूछे जा सकते हैं।
बैठक व्यवस्था
बैठक व्यवस्था (सीटिंग अरेंजमेंट) के प्रश्नों को हल करते समय निम्न टिप्स का पालन किया जाना चाहिए –
- यदि दो डाटा “और” से जुड़े हुए हैं, तो जानकारी में पहले व्यक्ति के बारे में बात की जा रही है। उदाहरण के लिए- P, Q के बाएं से तीसरा है और R के दायें से दूसरा है। यहां इसका अर्थ है – P, Q के बाएं से तीसरे स्थान पर बैठा है और साथ ही P, R के दायें से दूसरे स्थान पर भी बैठा है। इसका यह अर्थ बिलकुल भी नहीं है कि “P, Q के बाएं से तीसरे स्थान पर बैठा है और Q, R के दायें से दूसरे स्थान पर बैठा है”।
- यदि दो डाटा “जो कि (who)” से जुड़े हुए हैं, तो “जो कि” के बाद दी गयी जानकारी दूसरे व्यक्ति के बारे में बात की जा रही है। उदाहरण के लिए- A, B के बाएं से तीसरा है जो कि D के दायें से दूसरा है। यहां इसका यह अर्थ है – A, B के बाएं से तीसरे स्थान पर बैठा है और B, D के दायें से दूसरे स्थान पर बैठा है। यहां बहुत से छात्र भ्रमित हो जाते हैं और जानकारी को ऐसे लेते हैं कि A, B के बाएं से तीसरे स्थान पर बैठा है और साथ ही, A, D के दायें से दूसरे स्थान पर भी बैठा है, जो कि गलत है।
- आसन्न (Adjacent) का अर्थ है कि एक दूसरे के समीप न कि एक -दूसरे के सामने। A और B एक दूसरे के आसन्न हैं, जिसका अर्थ है कि वे एक-दूसरे के निकटतम पड़ोसी है।
निम्नलिखित बिंदु आपको रेलवे रीज़निंग की परीक्षा में बेहतर स्कोर करने में सहायक होंगे-
1. प्राथमिकता की सूची बनाएं
आपको एक सूची चाहिए। यह सूची आप विगत वर्ष के प्रश्न पत्र में पूछे गए रीज़निंग सेक्शन के प्रश्नों के हिसाब से बना सकते हैं। इस सूची की मदद से आप एक-एक कर टॉपिक को लें और उन्हें हल करें और उनसे सम्बंधित मॉक टेस्ट भी हल करें।
2. सबसे पहले, सिद्धांतों पर ध्यान दें
हां, SSC स्टेनोग्राफ़ परीक्षा में गति का अपना महत्व है। लेकिन यदि आपके लिए सिद्धांत नया है तो? आपको उसकी बुनियादी बातें समझने की ज़रूरत है। गति और सटीकता समय के साथ अभ्यास करते-करते आ जाती है।
3. रीज़निंग और जनरल इंटेलीजेंस में क्वॉन्टिटेटिव विषय
कुछ विषय जैसे अक्षर, शब्दकोश, कोडिंग-डीकोडिंग, एनालॉजी, रूल डिटेक्शन और सीरीज़ हैं जिनसे क्वॉन्ट का सेक्शन बनता है। ये प्रश्न अत्यंत प्रतियोगी हैं और इन्हें हल करने के लिए अच्छा अभ्यास करना होता है। इसलिए, इन प्रश्नों को हल करने के लिए आपको थोड़ा अतिरिक्त समय चाहिए।
4. अपनी शब्दावली बढ़ाएं
रीज़निंग और जनरल इंटेलीजेंस पर आधारित प्रश्न काफ़ी जोड़-तोड़ वाले और भ्रमित करने वाले होते हैं भाषा के संदर्भ में। इन प्रश्नों को अच्छे से समझने के लिए आपको अपनी शब्दावली पर भी काम करने की ज़रूरत है।
5. कोडिंग-डीकोडिंग प्रश्नों की ओर विशेष ध्यान दें
जी हां, आपको कोडिंग-डीकोडिंग प्रश्नों के लिए अतिरिक्त मेहनत करनी होगी। प्रत्येक वर्ष इससे पूछे जाने वाले प्रश्नों की संख्या बढ़ रही है। यदि आपने इनका अच्छे से अभ्यास किया है तो आप आसानी से इन्हें हल कर सकते हैं।
6. पिछले वर्ष के प्रश्नपत्र
आप इस वर्ष का रेलवे परीक्षा में अच्छा स्कोर नहीं कर सकते यदि आपने पिछले वर्ष के पेपर हल नहीं किए हैं। इसलिए, सबसे पहले पिछले वर्ष के पेपरों को हल करने का प्रयास करें और मॉक टेस्ट के साथ-साथ रेलवे 2017 के लिए प्रैक्टिस पेपर हल करें।
7. नियमित रूप से अपने प्रदर्शन की समीक्षा करें
आपके सभी प्रयास, तैयारी और टिप्स किसी काम के नहीं होंगे यदि आपने उनकी पुनरावृत्ति नहीं की होगी। अपने प्रदर्शन को जांचने से आपको उन क्षेत्रों के बारे में पता चलेगा जहां पर आपको काम करना होगा।
‘RRB ग्रुप डी’ पदों सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी के लिए नीचे दी गई वीडियो को अवश्य देखें-
हम उम्मीद करते हैं कि रेलवे परीक्षा के सामान्य विज्ञान के लिए ये टिप्स निश्चित ही उपयोगी साबित होंगी। रेलवे परीक्षा के लिए हम आपको शुभकामनाएं देते हैं।
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