GS पेपर 4 के तहत एथिक्स आधारित केस स्टडी प्रश्नों का समाधान कैसे करें – GS पेपर 4 अथार्त ‘नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और अभिरुचि’ नामक यह प्रश्नपत्र वर्ष 2013 से IAS पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया गया है। यह प्रश्न पत्र भी अन्य GS प्रश्न पत्र की तरह 250 अंकों का होता है पर इसमें प्रश्नों की संख्या अन्य GS पेपर से कम होती है। यह पेपर एक ऐसा पेपर है, जिसमें उम्मीदवार अपेक्षाकृत कम तैयारी में भी अधिक स्कोर हासिल कर सकता है। बस ज़रूरत है समग्र नज़रिये और सम्पूर्ण तैयारी की।
सबसे पहले उम्मीदवारों को यह बता दें कि GS प्रश्न पत्र 4 दो खंडों में बँटा होता है। खंड ‘क’ में ‘नैतिकता’, ‘सत्यनिष्ठा’, ‘ईमानदारी’, ‘लोक प्रशासन में पारदर्शिता’ ‘सिविल सेवकों की जवाबदेही’, ‘महापुरुषों के नैतिक विचार व उनके जीवन आदर्श’, ‘भावनात्मक समझ’, ‘शासन व्यवस्था में ईमानदारी’ जैसे मुद्दे जिनकी सामान्य समझ एक सिविल सेवक से अपेक्षित है, से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। इस खंड में आमतौर पर 13 से 15 प्रश्न पूछे जाते हैं जिनकी शब्द सीमा अधिकतम 150 शब्द होती है। वहीं दूसरा खंड ‘ख’ केस स्टडीज़ का होता है जिसमें द्वंद्व से जुड़ी सामाजिक समस्याओं से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं और आपसे उनके युक्तियुक्त समाधान की अपेक्षा की जाती है।
GS पेपर 4 के तहत एथिक्स आधारित केस स्टडी प्रश्नों का समाधान कैसे करें !
यह प्रश्नपत्र अपनी मूल प्रवृत्ति में बहुत ही रचनात्मक और मौलिक है। पिछले दो वर्षों के एथिक्स के प्रश्नपत्र को उठाकर देखें तो पाएंगे कि इस प्रश्नपत्र में ऐसा कुछ भी नहीं पूछा जाता है जिसके लिये उम्मीदवार को बहुत रटने की आवश्यकता हो, या कि प्रश्न इतने कठिन हों कि उम्मीदवार की समझ के बाहर हों। ईमानदारी, नैतिकता, सत्यनिष्ठा और संवेदना जैसे गुण कहीं से आयातित नहीं किये जा सकते और न ही कोई आपको जबरदस्ती ये गुण सिखा सकता है। ये गुण स्वतः स्फूर्त और स्वप्रेरणा से ही आते हैं।
ज़्यादातर प्रश्न आपकी सामान्य समझ पर ही आधारित होते हैं। पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों व मॉडल प्रश्नपत्रों का नियत समय में अधिक से अधिक अभ्यास करें। केस स्टडीज़ में ऐसे समाधान बिल्कुल न बताएँ जो एक सिविल सेवक के ईमानदार आचरण के विरुद्ध हों, किसी भी रूप में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हों, संविधान व कानून का विरोध करते हों, निजी स्वार्थों को आम जन के हितों से ऊपर रखते हों। आपको अपना ‘एटीट्यूड’ (Attitude) व ‘एप्टीट्यूड’ (Aptitude) दोनों नैतिक, संवेदनायुक्त और भ्रष्टाचार विरोधी रखने हैं, ताकि आम जन आपकी उपस्थिति में आश्वस्त व सुरक्षित महसूस करें व अपराधी डरें। आपको अपने जवाब में भी इसी तरह के विचार प्रस्तुत करने हैं।
केस स्टडी के तहत पूछे गए प्रश्न को कम-से-कम दो बार पढ़ें और उसके तहत कुछ कीपॉइंट निकालें जिस पर आपको लेखन करना है। जैसा की मान लो कि आप से कश्मीर में आतंकवाद और भटके युवा पर आधारित कोई केस स्टडी का उत्तर लेखन कर रहे हैं तो आपको उत्तर लेखन करते समय कुछ मुख्य बिंदु चुन लेने चाहिए जैसे-
- अपने निर्णय लेने के तहत वहां किए जा रहे निवेशों को मूलभूत भौगोलिक/स्थालाकृति के साथ जोड़ें। उदाहरण के लिए पहाड़ी तराई और तेजी से बहती नदियों का अर्थ है लघु पनबिजली परियोजनाओं की संभाव्यता और वन्य जीवन/वन का मतलब पर्यटन की संभाव्यता आदि। साथ ही उम्मीदवार को स्थानीय परिस्थितियों में नीति कार्यान्वयन पर भी फोकस करना चाहिए।
- उम्मीदवार को युवा के भटकने के कारणों की पड़ताल करनी चाहिए और विभिन्न बाधाओं पर ध्यान देते हुए सही नीतियों के चयन और कार्यान्वयन में सक्षम होना चाहिए। उम्मीदवार को पर्यावरण की सुरक्षा और तीव्र विकास को भी सुनिश्चित करना चाहिए।
- उम्मीदवार को वास्तविक परिस्थितियों के आधार पर क्षेत्र के विकास मार्ग की कल्पना करने और उसे तैयार करने की रणनीति प्रस्तुत करनी चाहिए और इस पर विस्तार से विचार करना चाहिए। इस क्षेत्र में युवा वर्ग का गलत रास्ते पर जाने का कारण, विकास की कमी, धर्म के नाम पर गुमराह किये जाने की स्थिति और क्षेत्र में कानून एवं व्यवस्था का प्रभावी ना होना है। जबकि, वे जिस प्रकार के अपराधों में शामिल हैं और उनके पास हथियार हैं, वह स्थित को खतरनाक बनाता हैं। यह कारक विचार में लिया जाना चाहिए कि यह भी एक वास्तविकता है कि अपराध इस क्षेत्र में एक मानक है। व्यवहार में, इन समस्याओं के समाधान बहुत जटिल हैं।
- उम्मीदवार द्वारा उत्तर लेखन की प्रतिक्रिया के मूल्यांकन में इस तथ्य का ध्यान रखा जाना चाहिए कि उम्मीदवार उस स्थिति और परिस्थिति में रहने वाले लोगों की अनुभूतियों तथा उद्देश्यों को समझने में कितना समझ रहा है।
IAS मुख्य परीक्षा 2017 के केस स्टडी पर आधारित प्रश्नों के जवाब के लिए टिप्स
इस तरह के प्रश्न के जवाब में उम्मीदवार का व्यक्तित्व की निम्नलिखित झलक दिखती है:
- आप दुविधाओं की स्थितियों में सकारात्मक समाधान प्रदान कर सकते हैं।
- आप केस स्टडी जब भी हल करें, तो अपने सुझाव का क़ानूनी (legal) और नैतिक (ethical) पक्ष ज़रूर देखें। यह देखें कि आपका हल सामान्य तौर पर विधिविरुद्ध तो नहीं है?
- कभी-कभी कुछ ऐसे मामले होते हैं, जिनमें क़ानून और नैतिकता में अंतर्विरोध होता है। मेरी राय है कि पहले विधिक पक्ष को प्राथमिकता दें और फिर नैतिक पक्ष को।
- केस स्टडी हल करते समय घटना की परिस्थिति और उसके प्रभाव, उपलब्ध विभिन्न नैतिक विकल्प और उनके सम्भावित परिणाम का विश्लेषण कर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चयन करें।
- आपका समाधान नियमों और विनियमों के भीतर है जिनकी अपेक्षा एक प्रशासनिक स्तर के अधिकारी से की जाती है।
- आप जटिल स्थितियों में सिचुएशन को संभालने में सक्षम हैं।
- आप अपने समाधान में ईमानदारी, निष्पक्षता, निष्पक्षता के मूल्यों को प्रदर्शित कर पाएंगे।
- यही कारण है कि आप योग्य मामलों में दया, सहानुभूति दिखाएंगे।
- आप, सार्वजनिक कर्तव्य के एक उच्च भावना के अधिकारी हैं जोकि सार्वजनिक सेवा के लिए प्रतिबद्ध हैं।
- आपको सिविल सेवा के प्रमुख के मूलभूत मूल्यों की समझ है।
अंत में, हम यही कहना चाहेंगे कि नैतिकता पर आधारित केस स्टडी के प्रश्नों को पहले हल करें उसके बाद सामान्य अध्ययन प्रश्नों को हल करें। IAS परीक्षा के केस स्टडी के प्रश्नों को हल करने के लिए सक्रिय दिमाग, और एक बेहतर सोच की बहुत आवश्यकता होती है जिसके लिए लिखने से पहले काम का खाका ज़रूरी ज़रूरी है। अगर आप बिल्कुल अंत समय में इसका जवाब लिखेंगे तो हड़बड़ी में आप केंद्रित होकर सही जवाब नहीं दे पाएंगे।
हमें उम्मीद है कि यह लेख आपको केस स्टडी से जुड़े प्रश्नों को हल करने में आपके लिए मददगार साबित होगा। UPSC सिविल सेवा परीक्षा भर्ती परीक्षा 2018 से संबंधित अधिक जानकारी के लिए हमसे जुड़े रहें। सिविल सेवा परीक्षा में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए, सर्वश्रेष्ठ IAS परीक्षा तैयारी ऐप नि:शुल्क डाउनलोड करें।