SSC CPO मेडिकल परीक्षण : जानें महत्त्वपूर्ण बातें- SSC द्वारा करायी गयी CPO परीक्षा के द्वारा दिल्ली पुलिस और केंद्रीय पुलिस बल (CRPF) में SI और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) में सहायक उप निरीक्षक की भर्ती की जानी है। इस परीक्षा के दौरान उम्मीदवारों को 4 स्तरीय परीक्षा [दो लिखित परीक्षा (पेपर-1 और पेपर 2), शारीरिक कुशल परिक्षण (PET/PST) और मेडिकल टेस्ट] से गुजरना होता है। जिसमें से तीन परीक्षाएं आयोजित की जा चूकी हैं और अब उम्मीदवार अंतिम दौर की परीक्षा मेडिकल टेस्ट से गुजरेंगे।
जैसा कि विदित है कि SSC ने पेपर 2 के परिणाम घोषित कर दिए हैं और पेपर 2 में चयनित उम्मीदवारों के मन में अब मेडिकल परीक्षण को लेकर कई सवाल उठ रहे होंगे और वह जानकारी प्राप्त करने के लिए उत्सुक होंगे। इस लेख से आशा है आपको अपने सभी सवालों के उत्तर मिलेंगे और आपको आवश्यक जानकारी प्राप्त होगी।
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मेडिकल टेस्ट क्वालीफाइंग नेचर का होगा और इस परीक्षण के तहत उम्मीदवारों को सीएपीएफ (CAPF) के मेडिकल ऑफिसर द्वारा या किसी भी अन्य मेडिकल ऑफिसर या सहायक सर्जन जो केंद्रीय / राज्य सरकार के ग्रेड I से संबंधित अस्पताल या औषधालय से सम्बंधित हो मेडिकल जांच की जाएगी। जिन उम्मीदवारों को अयोग्य पाया जाता है, उन्हें स्थिति के बारे में सूचित किया जाएगा और वे 15 दिनों की निर्धारित समय सीमा के भीतर मेडिकल बोर्ड की पुनः समीक्षा करने की अपील कर सकते हैं। री-मेडिकल बोर्ड / पुनः समीक्षा मेडिकल बोर्ड का निर्णय अंतिम होगा और रीमेडिकल बोर्ड / रिव्यू मेडिकल बोर्ड के निर्णय के खिलाफ कोई अपील/दावा नहीं किया जा सकेगा। आइए अब हम विस्तार से मेडिकल जांच को समझने की कोशिश करते हैं-
मेडिकल परीक्षा के दौरान यह देखा जाता है कि काफी उम्मीदवार अपने शरीर के विभिन्न हिस्सों में टैटू लेकर चिकित्सा जांच के लिए उपस्थित होते हैं। परन्तु इस सन्दर्भ में अब गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी की है, जिसके अनुसार
(A) कथ्य (Content): एक धर्मनिरपेक्ष देश होने के नाते, हमारे देशवासियों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान होना चाहिए
और इस प्रकार के धार्मिक प्रतीक या छवि और नाम का टैटू, जिसे भारतीय सेना ने अनुमति प्रदान कर रखी है, की अनुमति दी जानी चाहिए।
(B) स्थान (Place): शरीर के पारंपरिक स्थानों पर टैटू को जैसे की बाजू के पीछे भाग पर सिर्फ बाएं हाथ पर जो की सलूट में प्रयोग नहीं होता में बनवाने की अनुमति प्रदान करता है।
(C) आकार (Size): शरीर का विशेष भाग (कोहनी या हाथ) के आकार के ¼ से कम होना चाहिए।
उपरोक्त छूट वर्तमान में दिल्ली पुलिस के उप-निरीक्षक के संबंध में लागू नहीं है।
फिंगर स्कैनर टेस्ट के साथ मेडिकल परीक्षा शुरू होगी और इसके तहत निम्न परीक्षण किए जाएंगे –
1. नेत्र परीक्षण: (a) सुधार यानी चश्मे के बिना दोनों आँखों की न्यूनतम दूर दृष्टि 6/6 और 6/9 होनी चाहिए। संक्षेप में, निकट दृष्टि, सुदूर दृष्टि और आयरिश जांच आइ टेस्ट में शामिल हैं। चिकित्सा परीक्षण के दिन लेंस का उपयोग न करें, क्योंकि वे अपनी आंखों को रगड़ेंगे। उम्मीदवार को आंखों में भेंगापन नहीं होना चाहिए और उनके पास उच्च रंग दृष्टि होनी चाहिए।
(b) लैसिक सर्जरी: अगर आपने लसीक सर्जरी कर ली है तो कृपया इसे मेडिकल परीक्षा में स्वीकार न करें। परीक्षक आपको पूछ सकता है लेकिन आपको इसे स्वीकार नहीं करना चाहिए। यहां तक कि अगर वे चिकित्सक को बुलाते हैं तो भी कृपया इस बात से सहमत नहीं हों, क्योंकि इसका कोई साक्ष्य नहीं होता या कोई भी नग्न आंखों से नहीं पहचान सकता है कि आपने लेजर सर्जरी का विकल्प चुना है।
(c) रंग अंधापन परीक्षण: यह परीक्षण रंग अंधापन की जांच करने के लिए किया जाएगा। परीक्षक आपसे रंग डॉटेड बुक में नंबर पढ़ने के लिए कहेगा।
2. फ्लैट फुट और नॉक नी परिक्षण: नॉक नी परिक्षण में, घुटने आपस में स्पर्श नहीं होने चाहिए जब आप 90 डिग्री के कोण में खड़ें हों। फ्लैट फुट परिक्षण में, आपके पैर उपर्युक्त आकार में होने चाहिए। उनके एक वक्र होना चाहिए, पैरों नीचे से समतल नहीं होने चाहिए।
3. नाक- कान-मुंह और दांत का तीव्र संवेदनशीलता का परीक्षण किया जाएगा।
4. मूत्र नमूना संग्रह – नियमित जाँच के रूप में होगा।
5. रक्त परिक्षण: यह एक सिर्फ साधारण खून का परीक्षण है जो आपको वहां जाने से पहले कराना होगा। इस परीक्षण का मुख्य उद्देश्य हीमोग्लोबिन, किसी भी बीमारी और एसटीडी और सीबीसी रिपोर्ट की जांच करना है।
6. शारीरिक जांच: इस जांच प्रक्रिया के तहत बी.पी., संतुलित वजन और ऊंचाई, बीएमआई गणना और पूरे शरीर की जांच की जाती है।
7. हाथों का परिक्षण (घूमना): दोनों हाथों का पूरी तरह से चलना या घूमना और हाथों के कोणों का परिक्षण किया जाता है।
8. छाती का एक्स-रे: महिला उम्मीदवारों को इस परीक्षण से छूट दी जाती है।
अन्य जांचें इस प्रकार की जाएँगी-
कान की जांच: (मेडिकल परीक्षण से पहले ईअर बड्स का उपयोग करके अपने कान को साफ करें)
जलवृषण और पाइल्स : जलवृषण और पाइल्स की समस्या नहीं होनी चाहिए।
वैरिकाज: वेंस: ये नसें पैर से पेट तक पायी जाती हैं ये वरीकोसेले के लिए जिम्मेदार हैं।
रीड की हड्डी:आपकी रीढ़ उचित में होनी चाहिए और सही क्रम में होनी चाहिए।
दांत: आपके दांतों उचित और गणना योग्य होने चाहिए।
बांह: बाँहें उचित चलने योग्य होने चाहिए।
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