UPSC सिविल सर्विस फाइनल का रिजल्ट घोषित, हैदराबाद के अनुदीप ने किया टॉप – संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने सिविल सर्विस परीक्षा 2017 का परिणाम घोषित कर दिया है। जून महीने में हुई इस परीक्षा में हैदराबाद के अनुदीप दुरीशेट्टी ने पहला स्थान हासिल करते हुए टॉप किया है, जबकि अनु कुमारी दूसरे स्थान पर हैं। परीक्षा में शामिल हुए सभी प्रतिभागी यूपीएससी की आधिकारिक वेबसाइट पर अपना रिजल्ट चेक कर सकते हैं। फाइनल लिस्ट में कुल 990 उम्मीदवार सफल घोषित किए गए हैं, जिनमें 750 पुरुष और 240 महिलाएं हैं।
आयोग ने Civil Services Exam 2017 के अंतिम परिणाम अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर घोषित कर दिए हैं।
UPSC सिविल सर्विस फाइनल का रिजल्ट घोषित, हैदराबाद के अनुदीप ने किया टॉप !
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में इस बार हैदराबाद के अनुदीप दुरिशेट्टी ने टॉप किया है। वे साल 2011 में बिट्स पिलानी से ग्रेजुएट हुए और यूपीएसएसी की परीक्षा देनी शुरू की। साल 2013 के यूपीएससी एग्जाम में इन्हें 790वीं रैंक मिली थी। लेकिन इसके बाद फिर से कोशिश की और अब टॉप किया है। इस बार सिविल सेवा परीक्षा में कुल 990 उम्मीदवार सफल हुए हैं। इसमें 476 कैंडिडेट जनरल कैटिगिरी के हैं, 275 कैंडिडेट ओबीसी, 165 कैंडिडेट एससी और 74 कैंडिडेट एसटी कैटिगिरी के हैं। संघ लोक सेवा आयोग 2017 की इस परीक्षा में दूसरी रैंक अनु कुमारी और तीसरी रैंक सचिन गुप्ता ने हासिल की है। वहीं यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में अतुल प्रकाश के नाम चौथा स्थान रहा है।
अनुदीप ने एंथ्रोपोलॉजी विषय के साथ परीक्षा दी थी। दूसरे नंबर पर आने वाली अनु कुमारी हरियाणा के सोनीपत की है। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से फिजिक्स में बीएसएसी करने के बाद आईएमटी नागपुर से एमबीए की पढ़ाई की है। टॉप 25 में 17 पुरुष और 8 महिलाएं हैं।
इस बार भी इस परीक्षा में इंजिनियरिंग और विज्ञान के छात्रों ने सबसे अधिक सफलता पाई है, जबकि एंथ्रोपोलोजी विषय भी इस बार सबसे अधिक सफल विषयों में रहा। कुल सफल स्टूडेंट में 29 दिव्यांग हैं। इसमें सौम्या शर्मा ने नौवां स्थान पाया है, जो सुन नहीं सकती हैं।
दूसरे नंबर पर रहने वाली अनु कुमारी मूल रूप से हरियाणा के पानीपत के गांव दिवाना की रहने वाली हैं। यूपीएससी एग्जाम के लिए यह अनु का दूसरा प्रयास था। अनु 9 साल से प्राइवेट जॉब कर रही हैं। इस बीच अनु की शादी हो गई और उनका एक बेटा भी है।
अनु डेढ़ साल पहले भी वह प्री एग्जाम में बैठ चुकी हैं, लेकिन उनका मकसद सिर्फ एग्जाम पैटर्न को समझना था। इसलिए उन्होंने आगे एग्जाम नहीं दिया। इसके बाद डेढ़ साल तक तैयारी की और 2017 में एग्जाम दिया। तैयारी करने के लिए अनु ने अपने बेटे को डेढ़ साल तक खुद से दूर कर आने माता-पिता के पास भेज दिया था।
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