ओडिशा कैबिनेट ने स्टार्टअप पॉलिसी 2016 को मंजूरी दी:
- ओडिशा राज्य मंत्रिमंडल ने 23 अगस्त 2016 को उद्यमों के लिए प्रोत्साहन के प्रावधान के माध्यम से राज्य में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए एक नई स्टार्ट-अप पॉलिसी को मंजूरी प्रदान की। यह नीति ओडिशा को वर्ष 2020 तक देश के शीर्ष तीन निवेश स्थलों में स्थान दिलाने के लिए खाका तैयार करेगी।
- राज्य सरकार ने पांच साल में 1000 से अधिक स्टार्ट-अप स्थापित करने के लिए योजना बनाई है। स्टार्टअप पूंजी इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड (25 करोड़ रुपये तक) राज्य सरकार द्वारा बजटीय प्रावधान के माध्यम से एमएसएमई विभाग को युवा उद्यमियों को मासिक सहायता प्रदान करने के लिए प्रदान किया जायेगा।
- ओडिशा स्टार्टअप नीति ( ओएसपी ) 2016, का मुख्यमंत्री द्वारा निवेशकों के एक सम्मलेन में 26 अगस्त को बेंगलुरु में अनावरण किया जाएगा। नीति के कार्यान्वयन पर नजर एक स्टार्टअप परिषद द्वारा की जायेगी जिसकी अध्यक्षता मुख्य सचिव और एमएसएमई के प्रधान सचिव द्वारा जायेगी।
ब्रिक्स देशों ने प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए संयुक्त टॉस्क फोर्स बनाने का निर्णय लिया:
- 23 अगस्त उदयपुर में ब्रिक्स देशों ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के प्राकृतिक आपदा प्रबंधन मंत्रियों के साझा मंच ने प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए एक संयुक्त टॉस्क फोर्स के गठन का निर्णय लिया है।
- ब्रिक्स देशों ने उदयपुर में आयोजित मंत्री स्तरीय सम्मेलन के दूसरे दिन जारी संयुक्त घोषणा पत्र में ब्रिक्स देशों के बीच नियमित चर्चा, विनिमय, आपसी सहयोग एवं समन्वय के दृष्टिगत आपदा जोखिम प्रबन्धन पर संयुक्त टास्क फोर्स गठन पर सहमति जतायी है। तकनीकी सत्रों में प्रस्तुति एवं साझा चर्चा के पश्चात सभी देशों ने इस महत्वपूर्ण घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।
- अमेरिका के सेंट पीटर्सबर्ग में आयोजित ब्रिक्स देशों के आपदा प्रबंधन मंत्रियों के पहले सम्मेलन में लिए गए सामूहिक निर्णयों की परम्परा को आगे बढाते हुए 'उदयपुर घोषणापत्र' का यह निर्णय बहुत महत्वपूर्ण है, जिसके दूरगामी परिणाम सामने आएंगे।
- इसके साथ ही ब्रिक्स आपातकालीन सेवाओं के कार्यान्वयन के लिए तीन साल की संयुक्त कार्य योजना वर्ष 2016-18 के रोडमैप को भी अंतिम रूप दिया गया। इस योजना के तहत पहली वार्षिक बैठक इस साल के अंत तक सेंट पीटर्सबर्ग में होना तय हुआ। रिजिजू ने स्पष्ट किया कि संयुक्त कार्ययोजना के तहत ब्रिक्स देश सूचनाओं का आदान-प्रदान,आपदाओं के लिए भविष्यवाणी और पूर्व चेतावनी का प्रबंधन, अनुसंधान व प्रौद्योगिकी का आदान-प्रदान करेंगे।
महाराष्ट्र और तेलंगाना के बीच पानी के बंटवारे का विवाद खत्म:
- तेलंगाना के मुख्यमंत्री चन्द्रशेखर राव ने 23 अगस्त 2016 को मुंबई पहुंचकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ ऐतिहासिक जल बंटवारे के करारनामे पर हस्ताक्षर किए। इस करार से महाराष्ट्र और तेलंगाना के बीच गोदावरी, प्राणहिता और पैनगंगा नदियों के पानी के बंटवारे का लंबे समय से चला आ रहा विवाद समाप्त हो गया है।
- इस समझौते में तेलंगाना ने निर्माणाधीन थमिडीहट्टी बांध की ऊंचाई 152 से घटाकर 148 मीटर तय की है। इससे महाराष्ट्र का एक भी गांव विस्थापित नहीं होगा। इस पानी बंटवारे से महाराष्ट्र को 50 हजार एकड़ जबकि तेलंगाना की 16 लाख 40 हजार एकड़ जमीन को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा।
- समझौते के प्रमुख तथ्य:
- परियोजना में मछली पकड़ने व आवागमन का अधिकार महाराष्ट्र के पास होगा। डूब क्षेत्र का अधिग्रहण तेलंगाना सरकार करेगी नए भूमि अधिग्रहण कानून के तहत मुआवजा मिलेगा। बांध के पानी पर दोनों राज्यों का समान अधिकार।
- तीनों परियोजनाओं के भूमि अधिग्रहण सहित सभी खर्च तेलंगाना सरकार वहन करेगी। पानी में डूबने की वजह से अगल-बगल के क्षेत्र में होने वाले नुकसान की भरपाई तेलंगाना सरकार करेगी। परियोजना के तहत आने वाले गांवों में जलापूर्ति, सड़क व पुल के लिए तेलंगाना सरकार खर्च करेगी।
महाराष्ट्र सरकार द्वारा आंतरिक सुरक्षा के लिए अधिनियम बनाने का प्रस्ताव लाया गया:
- महाराष्ट्र सरकार ने आतंकवाद और सांप्रदायिक एवं जातीय हिंसा की चुनौतियों से निपटने के लिए एक आंतरिक सुरक्षा अधिनियम लाने का प्रस्ताव किया है। प्रस्तावित कानून (महाराष्ट्र संरक्षण आंतरिक सुरक्षा अधिनियम, 2016) आंतरिक सुरक्षा के लिए इस तरह का पहला राज्य स्तरीय कानून होगा जो लागू होने के बाद पुलिस विभाग को और अधिक शक्ति देगा।
- यह विशेष सुरक्षा ज़ोन बनाएगा जहां हथियार, विस्फोटकों और बेहिसाब धन के प्रवाह की आवाजाही को प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।
- अधिनियम में बांध, रक्षा संस्थान, सरकारी इमारतें, परमाणु रिएक्टर, परिवहन प्रणाली आदि की 'संकटपूर्ण बुनियादी ढांचे के क्षेत्र ' के तहत पहचान की गई है। प्रत्येक सरकारी प्रतिष्ठान और सरकारी कार्यालय परिसर अपनी सुरक्षा का निरीक्षण करेगा।
- सार्वजनिक प्रतिष्ठान के परिसर के हर मालिक को 30 दिनों की अवधि का सार्वजनिक गतिविधियों का वीडियो फुटेज रखना पड़ेगा। अनिवार्य रूप से सभी निजी संस्थानों में सीसीटीवी निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था का प्रबंध पुलिस द्वारा निर्देशित प्रावधानों से होगा।
- एक 'राज्य आंतरिक सुरक्षा समिति' का गठन किया जायेगा जिसमें गृह मंत्री पदेन अध्यक्ष होंगे तथा इसमें राज्य मंत्री (गृह) और मुख्य सचिव को शामिल किया जाएगा।
एफएसएसएआई ने सुरक्षित खाद्य संस्कृति को बढ़ावा देने की पहल की घोषणा की:
- देश में खाद्य सुरक्षा की एक संस्कृति पैदा करने के लिए नियामक एफएसएसएआई ने 23 अगस्त 2016 को घरों, स्कूलों, कार्यालयों, भोजनालयों और धार्मिक स्थानों पर सुरक्षित भोजन को बढ़ावा देने के लिए तथा दूध की गुणवत्ता का आकलन करने के लिए एक राष्ट्रीय सर्वेक्षण करने की घोषणा की।
- एफएसएसएआई हर घर के लिए एक हरे रंग की पुस्तक प्रदान करेगी और सुरक्षित और पौष्टिक भोजन के लिए समर्पित एक वेबसाइट का निर्माण करेगी। इसी तरह स्कूलों के लिए, यह उच्च वसा, चीनी और नमकीन खाद्य पदार्थ (आमतौर पर जंक फूड) की एक नकारात्मक सूची तैयार करेगी और खाने का डिब्बा और कैंटीन सहित स्कूलों के चारों ओर खाद्य सुरक्षा और पोषण सुनिश्चित करने की कोशिश करेगी।
- इसकी मिड-डे मील भोजन योजना में शामिल व्यवसायों के लिए एफएसएसएआई अनिवार्य लाइसेंस बनाने की योजना है। एफएसएसएआई ने कहा कि कैंटीन और कैफेटेरिया को खाद्य नियामक के साथ पंजीकृत होना चाहिए। इसके साथ ही रसोई, पानी और उपकरणों का मासिक परीक्षण भी सुनिश्चित करना होगा।
- केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने मानव उपभोग के लिए सुरक्षित और गुणवत्ता युक्त आहार के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा है कि स्वास्थ्य और आर्थिक दोनों नजरिए से सुरक्षित आहार की काफी अहमियत है। नड्डा भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के 10 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में 23 अगस्त 2016 को बोल रहे थे।
- नड्डा ने सुरक्षित आहार के संदर्भ में खाद्य कारोबार और नियामक के बीच दो तरफा संवाद की जरुरत पर बल देते हुए कहा कि जहां प्राधिकरण को खाद्य वस्तुओं के छोटे कारोबारियों की जरुरतों का पूरा ध्यान रखना चाहिए वहीं दूसरी ओर सुरक्षित आहार के लिए तय मानकों का सख्त अनुपालन भी सुनिश्चित करना चाहिए।
स्वदेशी फार्म पशुधन की नौ नई नस्लें राष्ट्रीय पशु आनुवंशिकी संस्थान के द्वारा पंजीकृत:
- पशुधन और कुक्कुट की नौ नई नस्लों को राष्ट्रीय पशु आनुवंशिकी संस्थान, करनाल के साथ पंजीकृत किया गया है। अब स्वदेशी नस्लों की कुल संख्या बढ़कर 160 हो गयी है।
- नव पंजीकृत नस्लों में पशुओं की एक नस्ल, दो नस्ल क्रमशः बकरी और भेड़ की, सुअर की तीन नस्ल, और चिकन की एक नस्ल को शामिल किया गया है। भारतीय कृषि अनुसंधान समिति के महानिदेशक त्रिलोचन महापात्र ने नौ नई नस्लों को पंजीकृत कराने वाले आवेदकों को प्रमाण पत्र प्रदान किए।
- आईसीएआर ने राष्ट्रीय पशु आनुवंशिकी संस्थान के माध्यम से 'पशु जर्मप्लाज्म के पंजीकरण ' के लिए तंत्र की शुरूआत की। 2008 में, आईसीएआर ने एक नस्ल पंजीकरण समिति का गठन किया।