Published on: April 16, 2019 12:12 PM
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ई-वॉलेट की तुलना में तेजी से बढ़ रहा यूपीआई
UPI प्लेटफ़ॉर्म पर किए गए भुगतान ने अप्रैल से मार्च की अवधि में 400% से अधिक की उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, अप्रैल 2018 में 27,000 करोड़ से अधिक और मार्च 2019 में 1.35 लाख करोड़ से अधिक की वृद्धि देखी गई।
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने अपने टि्वटर हैंडल पर बताया है कि दिसंबर 2018 में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) के तहत ट्रांजैक्शन में 1 लाख करोड़ (620.17 मिलियन) से भी ज्यादा का इजाफा हुआ है, जबकि इससे एक महीने पहले नवंबर में यह आंकड़ा 524.94 मिलियन था। 2018 का कुल ट्रांजैक्शन देखें तो यह 3 अरब के आसपास है।
यूपीआई जिस दर से आगे बढ़ रहा है, उससे लगता है आने वाले वक्त में वह आईएमपीएस को पीछे छोड़ देगा। पिछले वित्तीय वर्ष में आईएमपीएस से 8,92,500 करोड़ रुपए का ट्रांजैक्शन हुआ था।
यूपीआई महज दो साल पहले बना है लेकिन जिस गति से यह आगे बढ़ रहा है, वह आने वाले समय में आईएमपीएस और एनईएफटी पेमेंट सिस्टम को काफी पीछे छोड़ देगा।
2018 में आईएमपीएस और एनईएफटी से मिलाकर 181 करोड़ का ट्रांजैक्शन हुआ था।
बाजार में यूपीआई की कई कंपनियां मौजूद हैं जैसे कि रिलायंस जियो, व्हाट्सअप, अमेजन पे और गूगल पे जिन्होंने एसबीआई, आईसीआईसीआई और एचडीएफसी बैंकों के पेमेंट को पछाड़ दिया है। दूसरी ओर सरकार का यूपीआई एप भारत इंटरफेस फॉर मनी (भीम) के ट्रांजैक्शन में गिरावट देखी जा रही है। दिसंबर में भीम से 7,981.82 करोड़ रुपए का ट्रांजैक्शन हुआ।
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