Published on: November 3, 2021 5:51 PM
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संदर्भ:
हाल ही में, केंद्र ने जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 में संशोधन का प्रस्ताव दिया है जो इसे "राष्ट्रीय स्तर पर पंजीकृत जन्म और मृत्यु के डेटाबेस को बनाए रखने" की अनुमति देगा।
वर्तमान विधि:
इस पहल का महत्व:
प्रस्तावित संशोधन:
जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969:
संक्षिप्त शीर्षक, विस्तार और प्रारंभ:
(1) इस अधिनियम को जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 कहा जा सकता है।
(2) इसका विस्तार पूरे भारत में है।
(3) यह एक राज्य में ऐसी तारीख 1 पर लागू होगा, जो केंद्र सरकार, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, नियत करे: बशर्ते कि राज्य के विभिन्न हिस्सों के लिए अलग-अलग तारीखें नियत की जा सकें।
2. परिभाषाएँ और व्याख्या।—
(1) इस अधिनियम में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो-
(a) "जन्म" का अर्थ है जीवित-जन्म या अभी भी जीवित-जन्म;
(b) "मृत्यु" का अर्थ है जीवित जन्म के बाद किसी भी समय जीवन के सभी प्रमाणों का स्थायी रूप से समाप्त हो जाना।
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