Published on: August 27, 2016 8:04 AM
Bookmark
वर्ल्ड रिस्क रिपोर्ट 2016 में दुनिया में भारत 77वें स्थान पर:
दुनिया भर में बुनियादी ढांचे में विकास की आक्रामक प्रकृति के कारण पृथ्वी के चक्र पर भारी दबाव पड़ रहा है। बेकाबू जनसंख्या वृद्धि, प्राकृतिक संसाधनों और वनस्पतियों और जीव को नुकसान आदि ने प्राकृतिक आपदा के खतरे को बढ़ा दिया है।
पर्यावरण और मानव सुरक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र विश्वविद्यालय संस्थान (UNU-EHS) और जर्मनी के Bundnis Entwicklung Hilft संस्थान ने एक दूसरे के सहयोग से विश्व जोखिम रिपोर्ट 2016 को 25 अगस्त 2016 को प्रकाशित की। यह किसी देश में आपदा जोखिम को आकार देने में बुनियादी ढांचे की भूमिका का विश्लेषण करती है।
वर्ल्ड रिस्क सूचकांक गणना
इस सूची में बांग्लादेश शीर्ष पांच देशों में है जबकि भारत 77वें स्थान पर है। पाकिस्तान भारत से थोड़े बेहतर स्थान पर है, उसका स्थान 72 है। सूचकांक, वर्ल्ड रिस्क रिपोर्ट 2016 का एक भाग है।
इस सूचकांक के माध्यम से 171 देशों पर आपदा के खतरे का आकलन, प्राकृतिक खतरों और सामाजिक कमजोरियों का संयुक्त विश्लेषण किया गया।
रैंकिंग में नंबर 1, वानुअतु के द्वीप राज्य ने 2016 में सबसे बड़े जोखिम का प्रदर्शन किया। शोधकर्ताओं की रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला है कि महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की कमी और कमजोर रसद चेन के कारण एक चरम प्राकृतिक घटना एक आपदा के रूप में परिवर्तित हो जाती है।
ढहते परिवहन मार्गों, अविश्वसनीय बिजली ग्रिड, और जीर्ण-शीर्ण भवनों से न केवल विदेशों से मानवीय सहायता में बाधा आती है बल्कि आपदा की स्थिति में प्रभावित लोगों के लिए महत्वपूर्ण सहायता में देरी भी करती है।
क्रिस्टियानो रोनाल्डो यूरोप के प्लेयर ऑफ द ईयर चुने गए: स् ...
6 साल पहलेभारतीय रिजर्व बैंक ने फिक्स्ड इनकम, ओपन मार्किट के लिए उपायों की घोषणा की: भा ...
6 साल पहलेएशिया का पहला आपदा जोखिम न्यूनीकरण हेतु विज्ञान और प्रौद्योगिकी सम्मेलन बै ...
6 साल पहलेभारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों से ग्रामीण क्षेत्रों में महिला स्वयं सहायता ...
6 साल पहलेVocab Express (शब्दावली एक्सप्रेस)-68 प्रिय उम्मीदवारों, सबसे पहले हमारे पिछले लेखो पर ...
6 साल पहलेभारत और म्यामां के बीच परम्परागत चिकित्सा पद्धति के क्षेत्र में समझौता ज्ञ ...
6 साल पहले